Why air india plane crashed:
एयर इंडिया का बोइंग 787 (फ्लाइट AI171) क्रमांक लंदन के मार्ग पर 12 जून 2025 को अहमदाबाद से टेकऑफ़ के तुरंत बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में विमान पर सवार 242 में से 241 लोग और जमीन पर 34 लोग लगभग 275 की जनहानि हुई, केवल एक व्यक्ति बच सका

🛫 संभावित कारण (प्रारंभिक जांच):
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ड्यूल इंजन फेलियर
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एक मोटिवेटेड अनुमान यह है कि टेकऑफ़ के तुरंत बाद दोनों इंजन बंद हो गए, जिससे रैम एयर टर्बाइन (RAT) सक्रिय हुआ — एक इमरजेंसी बिजली/हाइड्रॉलिक पावर सिस्टम ।
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विमान ने ‘मेयडे’ कॉल किया, जो इंजन या पावर लूज जैसी बड़ी आपदा का संकेत हो सकता है ।
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फ्लैप और लैंडिंग गियर की सेटिंग में अनियमितता
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प्रारंभिक तस्वीरों में फ्लैप या गियर ठीक तरह से सेट नहीं होने का आशंका जताया गया। फ्लैप न होने से लिफ्ट नहीं बनती और गियर खुले रहने से ड्रैग बढ़ता है, जिससे चढ़ाई रुक सकती है ।
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कुछ पायलटों ने सुझाव दिया कि संभवत: चालक दल ने गियर के बजाय फ्लैप टेक-ऑफ़ सेटिंग में गलती की हो ।
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तकनीकी या इंस्पेक्शन दोष
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इंजन के पुर्जों में टूट-फूट, ईंधन वितरण में गड़बड़ी, थ्रॉटल सिस्टम फेलियर इत्यादि की जांच चल रही है ।
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बोइंग 787 की भी इनपुट की जा रही है; भारत में 787 फ्लाइट्स की DGCA द्वारा विशेष निरीक्षण भी अंजाम दिया गया ।
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अचानक संचालन या विचलितता
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हालांकि मौसम ठीक और पायलट अनुभवी थे, लेकिन फ्लैप/गियर में अशुद्धि संभावित मानवीय गलती बताई जा रही है ।
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🔍 क्या हो रहा है अभी जांच में?
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ब्लैक बॉक्स:
दोनों रिकॉर्डर्स (CVR + FDR) एक साथ बरामद किए गए। डेटा डाउनलोडिंग चल रही है, जो 24 जून से शुरू हुई ।
भारतीय AAIB, ब्रिटिश AAIB और यूएस NTSB मिलकर जांच कर रहे हैं । -
अन्य पहलुओं की जांच:
जमीन पर टेरर, सैबोटाज, साइबर अटैक जैसी संदिग्ध स्थितियों को भी कवर किया जा रहा है । -
प्रारंभिक रिपोर्ट:
ब्लैक बॉक्स से मिली जानकारी को ध्यान में रखते हुए 30 दिनों में पहला प्रीमिनरी रिपोर्ट आने की उम्मीद है, जबकि फाइनल रिपोर्ट कई महीने में तैयार होगी । -
why air india plane crashed
🚨 समग्र सारांश (हिंदी में)
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टेकऑफ़ के कुछ ही सेकंड में विमान का ऊंचाई कम होना, इंजन पावर कम होना, मयडे कॉल के बाद विमान में केवल इमरजेंसी RAT की पावर रही—ये संकेत हैं कि इंजन/पावर सिस्टम में बड़ी विसंगति थी।
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संभवत: फ्लैप और गियर में गलत सेटिंग या तकनीकी दोष की वजह से लिफ्ट व ड्रैग असंतुलन बढ़ गया।
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हालांकि इंस्फेक्टिव, शाब्दिक एवं प्रोसिजरल त्रुटि, फ्लैप सेट होने या इंजन थ्रॉटल में अप्रत्याशित गड़बड़ी आदि सभी जांच के दायरे में हैं।
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जांच लिखित रूप में 30 दिनों में प्रारंभिक रिपोर्ट और कुछ महीनों में फाइनल रिपोर्ट उपलब्ध कराएगी